( डॉ. सुरेश पाठक हिंदी के प्रसिद्ध समालोचक थे। उन्होंने भक्त हरिनाथ और उनके साहित्य पर बहुत ही महत्वपूर्ण शोध परक अनेकानेक निबंध लिखे हैं। यहां प्रस्तुत है उनके द्वारा पांच दशक पूर्व लिखे गए भक्त हरिनाथ की जीवनी पर आधारित दो निबंध जो क्रमशः 'कल्याण' और 'शाकद्वीपीय ब्राह्मण बंधु' में प्रकाशित हुए थे। आशा है, इससे पाठकों की भक्त हरिनाथ की जीवनी संबंधी जिज्ञासा कुछ हद तक शांत होगी !) कृष्णभक्त कविवर हरिनाथजी (लेखक -श्रीसुरेशजी पाठक, साहित्याचार्य, एम.ए.) श्रीहरिनाथजी पाठक गया (बिहार) जिलेके जहानाबाद अनुमण्डलान्तर्गत पाठक बिगहा नामक गाँवमें संवत् १९०० में भक्तवर श्रीहरिनाथजी पाठकका आविर्भाव हुआ था। प्रारंभमें आपने अपने पूज्य पितासे वेद-वेदाङ्गकी शिक्षा प्राप्त की और तत्पश्चात गया जिलेके मकसूदपुर ग्रामके महान् विद्वान् आचार्य शिवप्रसादजी मिश्रसे वेद-वेदाङ्ग, उपनिषद्, वेदान्त और सांख्यका विशिष्ट अध्ययन किया। साधनामें बहुत आगे होनेके कारण आचार्य मिश्रजीने अपने शिष्यको उच्च कोटिका साधक बनाया। पाठकजी हिंदी और संस्कृतके रससिद्ध कवि भी थे। ...