जिंदगी

तेरी   यादों   से     तर -बतर  जिंदगी.  कुछ  इस  तरह  रही है गुजर  जिंदगी.  हम  मिले  यहां  तुमसे  हसीं  मोड पर, जहां  तय  कर  रही  है  सफर  जिंदगी.  एक    पहेली    है     तेरी    बातों    में,  खो   जाती  है  चलती  जिधर   जिंदगी.  हमारा  मिलना  एक  पल  के  लिए  है,  फिर   जाएगी   जाने    किधर   जिंदगी.  दिल की हसरतें कुछ भी बाकी  न रख,  जाने   कब   हो  जाए   सिफ़र  जिंदगी. -धर्मेन्द्र कुमार पाठक.

रिश्ता प्यार का

रिश्ता प्यार का
          ‌‌‌‌‌             -धर्मेन्द्र कुमार पाठक 

खूब     मुस्कुराइए,    ठहाका    लगाइए।
मगर  कभी  बेवजह  प्यार  मत जताइए।।

मुश्किलों  के  वक्त  अगर  साथ ना दे तो
दिल  को  झूठे  ख्याल में  मत  फंसाइए।।

जो  लिखा  है  किस्मत में वह मिलेगा ही,
सुख-दुख में बस एक -सा साथ निभाइए।।

तन्हाइयों   में   खुद   से  करता  हूं  बात,
 झूठे  साथ  का  अहसास  मत दिलाइए।।

मिलने का मन हो यदि तो मिलिए जरूर,
झूठ - मूठ   कभी  बहाना  मत  बनाइए।।

अब  खुशी  से  आइए,  खुशी  से जाइए;
रिश्ता  प्यार  का  है,  प्यार से निभाइए ।।

खुद से मिलने का मजा ही  कुछ और है,
एक  बार  नजर  से  नजर तो मिलाइए।।

दिल में बैठकर कभी दिल मत टटोलिए, 
हिम्मत है तो दिल से  दिल तो मिलाइए।।

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