जिंदगी

तेरी   यादों   से     तर -बतर  जिंदगी.  कुछ  इस  तरह  रही है गुजर  जिंदगी.  हम  मिले  यहां  तुमसे  हसीं  मोड पर, जहां  तय  कर  रही  है  सफर  जिंदगी.  एक    पहेली    है     तेरी    बातों    में,  खो   जाती  है  चलती  जिधर   जिंदगी.  हमारा  मिलना  एक  पल  के  लिए  है,  फिर   जाएगी   जाने    किधर   जिंदगी.  दिल की हसरतें कुछ भी बाकी  न रख,  जाने   कब   हो  जाए   सिफ़र  जिंदगी. -धर्मेन्द्र कुमार पाठक.

प्यार नया है! -धर्मेन्द कुमार पाठक

प्यार नया है!

समझ  नई,  संस्कार नया है।।
जीवन  का  व्यवहार नया है।।

हम  जिस घर में रहते हैं वह,
सच   मानो  परिवार  नया है।।

अचरज  से  हम  देख रहे हैं;
यह   सुंदर   संसार   नया  है।।

शांत स्निग्ध मृदु दो नयनों में,
बसा  हुआ यह  प्यार नया है।।

प्रकृति के नवल परिधानों में,
सज्जित  यह  श्रृंगार नया है।।

नव पल्लव की मधु कोमलता
जग  का  यह विस्तार नया है।।

         -धर्मेन्द कुमार पाठक

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