जिंदगी

तेरी   यादों   से     तर -बतर  जिंदगी.  कुछ  इस  तरह  रही है गुजर  जिंदगी.  हम  मिले  यहां  तुमसे  हसीं  मोड पर, जहां  तय  कर  रही  है  सफर  जिंदगी.  एक    पहेली    है     तेरी    बातों    में,  खो   जाती  है  चलती  जिधर   जिंदगी.  हमारा  मिलना  एक  पल  के  लिए  है,  फिर   जाएगी   जाने    किधर   जिंदगी.  दिल की हसरतें कुछ भी बाकी  न रख,  जाने   कब   हो  जाए   सिफ़र  जिंदगी. -धर्मेन्द्र कुमार पाठक.

मुस्कुराहट -धर्मेन्द्र कुमार पाठक



मुस्कुराहट

तेरी  मुस्कुराहट भी क्या  खूब कमाल करती है।
पल भर में  कंगाल को भी  मालामाल करती है।।

अक्सर   तन्हाइयों   में  तुमसे  ही  बात  होती है,
दिल की खुशी जैसे फिजा में हवा -सी लरजती है।।

दुनिया   भर   का  दर्द   यहा़ँ   मेरे  सीने  में  जैसे,
एक  -दूसरे  से  लिपट  खूब  मुलाकात  करती है।।

मुझे  भी  तो  अपना  मुस्कुराने की अदा सिखाना,
इस  हुनर  से  ही  तू  मेरे  दिल पर  राज करती है।।

                                      -धर्मेन्द्र कुमार पाठक.



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