जिंदगी

तेरी   यादों   से     तर -बतर  जिंदगी.  कुछ  इस  तरह  रही है गुजर  जिंदगी.  हम  मिले  यहां  तुमसे  हसीं  मोड पर, जहां  तय  कर  रही  है  सफर  जिंदगी.  एक    पहेली    है     तेरी    बातों    में,  खो   जाती  है  चलती  जिधर   जिंदगी.  हमारा  मिलना  एक  पल  के  लिए  है,  फिर   जाएगी   जाने    किधर   जिंदगी.  दिल की हसरतें कुछ भी बाकी  न रख,  जाने   कब   हो  जाए   सिफ़र  जिंदगी. -धर्मेन्द्र कुमार पाठक.

बहुत बदल गेल ज़माना (मगही गीत) -धर्मेन्द्र कुमार पाठक

बहुत   बदल   गेल  ज़माना.
जादे   तू  डालS  नS  दाना. 
चुग  उड़ी   जयतो   दीवाना.
पड़तो      फिर      पछताना.

हम जगलS  रहली  रात भर,
बोल कब अयबS तू छत पर,
नजर  गड़ल  रहल डगर पर,
रात   के   का   हौ   ठिकाना.

नैना  से  जाल   मत   फेंकS,
कोर  से   आंख  मत   सेंकS,
क़ातिल नज़र से मत   देखS,
कठिन  हौ  मन  के   मनाना.

तिरछी नजर से मत सतावS,
हमरा  तू  पास  मत बुलावS,
मनमा   में   का  हौ  बतावS,
साथ   हौ   जीवन    बिताना.

         -धर्मेन्द्र कुमार पाठक.

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