जिंदगी
तेरी यादों से तर -बतर जिंदगी. कुछ इस तरह रही है गुजर जिंदगी. हम मिले यहां तुमसे हसीं मोड पर, जहां तय कर रही है सफर जिंदगी. एक पहेली है तेरी बातों में, खो जाती है चलती जिधर जिंदगी. हमारा मिलना एक पल के लिए है, फिर जाएगी जाने किधर जिंदगी. दिल की हसरतें कुछ भी बाकी न रख, जाने कब हो जाए सिफ़र जिंदगी. -धर्मेन्द्र कुमार पाठक.
वाह ! एक से बढ़कर एक शब्दों का सम्यक संगुम्फन।
जवाब देंहटाएंसाभार धन्यवाद! आपका प्रोत्साहन मार्गदर्शन का काम करेगा।
हटाएंवाह बहुत अच्छा है।
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