जिंदगी

तेरी   यादों   से     तर -बतर  जिंदगी.  कुछ  इस  तरह  रही है गुजर  जिंदगी.  हम  मिले  यहां  तुमसे  हसीं  मोड पर, जहां  तय  कर  रही  है  सफर  जिंदगी.  एक    पहेली    है     तेरी    बातों    में,  खो   जाती  है  चलती  जिधर   जिंदगी.  हमारा  मिलना  एक  पल  के  लिए  है,  फिर   जाएगी   जाने    किधर   जिंदगी.  दिल की हसरतें कुछ भी बाकी  न रख,  जाने   कब   हो  जाए   सिफ़र  जिंदगी. -धर्मेन्द्र कुमार पाठक.

भक्त हरिनाथ विरचित सरस्वती माता की आरती

मगही के आदिकवि भगवान श्री कृष्ण के अनन्य भक्त संत शिरोमणि हरिनाथ पाठक द्वारा रचित श्रीसरस्वती देवी की आरती

   ।। राग गौरी ।। ताल ३।। पद ठुमरी ।।

आरति साजि सरस्वतिजीको, 
                  सकल मनोरथ लीजेहीको।।

ब्रह्म विचार सार परमासित, 
       आदि जगत व्यापिनि शक्ति को।।१।।

वीणा पुस्तकधर भयटारिणि, 
          जड़तानाशिनि मातु सती को।।२।।

हस्तेस्फाटि कस्त्रज कमलासनि, 
   दायिनि निज जन विमल मती को।।३।।

जन हरिनाथ विषय सब तजि भज, 
      मति अंधिआरि हरणि जननी को।।४।।२०।।

                                 -*श्रीललितभागवत* से

प्रस्तुति -धर्मेन्द कुमार पाठक

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