जिंदगी

तेरी   यादों   से     तर -बतर  जिंदगी.  कुछ  इस  तरह  रही है गुजर  जिंदगी.  हम  मिले  यहां  तुमसे  हसीं  मोड पर, जहां  तय  कर  रही  है  सफर  जिंदगी.  एक    पहेली    है     तेरी    बातों    में,  खो   जाती  है  चलती  जिधर   जिंदगी.  हमारा  मिलना  एक  पल  के  लिए  है,  फिर   जाएगी   जाने    किधर   जिंदगी.  दिल की हसरतें कुछ भी बाकी  न रख,  जाने   कब   हो  जाए   सिफ़र  जिंदगी. -धर्मेन्द्र कुमार पाठक.

प्यार में डूबा जाये -धर्मेन्द्र कुमार पाठक

चलो प्यार में अब डूबा जाये ! 
दरिया में उमंग की कूदा जाये !

सांसें हमारी आखिर क्यों हैं थमीं,
चलकर अपने प्रभु से पूछा जाये!

मेरे हाथ में तेरा हाथ है तो,
साथ होने का मज़ा लूटा जाये!

देखें इश्क़ आग है या पानी,
खुद तैरकर धार में बूझा जाये!

दिल है किसका समंदर देखते हैं,
बस एक बार फिर से रूठा जाये!

विरह की आग में कितनी है ज्वाला ,
स्वयं को जलाकर अब  देखा जाये!

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